sunil jayjaniya ki kalam se 29/03/23

ईश्वर के सामने एक मनुष्य 🧔भूख से मर कर पहुंचा फिर,
एक कुत्ता 🐕 भूख से दीवार फॉद कर खाना खा रहा था उसे डंडा मारा गया और वह भी मर कर ईश्वर के सामने पहुंचा.....
इसके आगे हरिशंकर परसाई ने लिखा है :-

वे बोले ," मुर्ख कायर ; तू कुत्ते से भी हीन है । 
बेचारा कुत्ता दीवार को लांघकर घुस गया और खाना खा आया । 

और तू आदमी कहलाने वाला हाय हाय कर के मर गया । 
तू दीवार लांघ सकता था ? दीवार तोड़ नहीं सकता था ? 
'लेकिन भगवन! " मैंने कहा ," मैं दीवार कैसे तोड़ता ? यह पाप न होता ? "

भगवान ने क्रोध से कहा ," पाप पुण्य के चक्कर में पड़ने वाले कायर ! वह दीवार क्या मेरी बनाई हुयी है ? तमाम दीवारें इंसान ने खड़ी की है । और तू उन्हें तोड़ने में पाप पुण्य का विचार कर रहा है ? 

मुर्ख ! तेरा कुत्ता तुझसे ज्यादा समझदार है । वह घुस गया , खाना खाया और डंडे की मार से मरकर यहाँ आ गया । 

उसमे मनुष्यत्व है, तुझमे पशुत्व भी नहीं है । 
मैंने तुम्हे बुद्धि दी है ; हाथ पैर दिए है , - और तू अकर्मण्य , बुजदिल कीड़े सा मर गया । 

मनुष्यों ने मुझे बहुत निराश किया है,
अब मैं कुत्ते ही कुत्ते निर्माण करने की सोच रहा हूँ !

- #हरिशंकर_पारसाई 
Himanshu Kumar ji के वॉल से पोस्ट